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स्टालिन सरकार के एक मंत्री ने 'वैष्णववाद' को लेकर ऐसा बयान दे दिया कि विवाद खड़ा हो गया... हंगामा बढ़ने पर उन्हें पद से हटा दिया गया।

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तमिलनाडु सरकार में मंत्री और डीएमके नेता के. पोनमुडी को वैष्णववाद और शैववाद को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद पार्टी के उपमहासचिव पद से हटा दिया गया है। उनके बयान की आलोचना पार्टी के अंदर और बाहर दोनों जगह से हुई, जिसमें डीएमके सांसद कनिमोझी भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शुक्रवार को बयान जारी कर बताया कि पोनमुडी को पार्टी के वरिष्ठ पद से हटाया जा रहा है।

हालांकि, स्टालिन ने पद से हटाने की वजह साफ़ नहीं बताई, लेकिन माना जा रहा है कि यह निर्णय पोनमुडी की हालिया विवादास्पद टिप्पणी और उस पर हुए विरोध के कारण लिया गया है। इस बीच, भाजपा ने मांग की है कि उन्हें मंत्रिमंडल से भी बर्खास्त किया जाए। भाजपा नेता नारायणन तिरुपति ने सोशल मीडिया के ज़रिए मुख्यमंत्री से उनकी गिरफ्तारी की मांग की है।

विवाद की शुरुआत एक वायरल वीडियो से हुई जिसमें पोनमुडी को कथित रूप से देह व्यापार पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए देखा गया। भाजपा का कहना है कि इस बयान से राज्य की महिलाओं का अपमान हुआ है। डीएमके सांसद कनिमोझी ने भी मंत्री की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसे बयान किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं हैं।

पोनमुडी पहले भी विवादों में रह चुके हैं। उन्होंने एक बार उत्तर भारतीयों को पानी पुरी विक्रेता कहकर टिप्पणी की थी, जिससे हिंदी भाषी समुदाय में रोष फैल गया था।

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